Wednesday, July 24, 2024
HomeNewsSports Newsरोहित शर्मा फील्ड पर लगाते है इतना बारीक दिमाग, फिर भी इसलिए...

रोहित शर्मा फील्ड पर लगाते है इतना बारीक दिमाग, फिर भी इसलिए नहीं मिलती दुनिया की वाहवाही – Rohit Sharma Hidden facts

भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा एक ऐसे क्रिकेटर हैं, जिन्हें उतनी वाहवाही, उतनी तारीफ नहीं मिलती, जिसके वे असल में हकदार हैं। परंतु ख़राब परफॉर्मेंस पर आलोचना करते हुए आलोचकों की बातें क्रिकेट में उनकी ख़राब परफॉर्मेंस से शुरू होकर उनकी खराब फिटनेस तक जाती है परंतु आज रोहित के बारे में आप ऐसी बहुत सी बातें (Rohit Sharma Hidden facts) जानेंगे जिसके बाद आपको रोहित से प्यार हो जाएगा।

rohit sharma hidden facts

रोहित के बारे में क्या कहते है आलोचक

रोहित की तारीफ में लोगों ने हमेशा ही कंजूसी की है, रोहित थोड़े भी आउट ऑफ फॉर्म होते है, तो आलोचकना करने वालों की लाइन लग जाती है और आलोचकों की बातें उनकी क्रिकेट में ख़राब परफॉर्मेंस से शुरू होकर उनकी खराब फिटनेस तक के बारे में की जाती है। यानी रोहित शर्मा की आलोचना करते हुए समय आलोचक उनकी पर्सनल चीजों तक भी पहुंच जाते हैं। फिर जब रोहित खेलते है कोई बड़ी पारी तो आलोचकों के मुंह पर कस जाता है एक बड़ा ताला। यही है रोहित की खूबी पर क्या आप इसके अलावा आज रोहित के बारे में ऐसी बहुत सी बातें जानेंगे जिसके बाद आपको रोहित से प्यार हो जाएगा।

रोहित के बारे यह चीज़ सब जानते है कि उन्हें उतनी तारीफ नहीं मिलती, जितनी कि मिलनी चाहिए। रोहित इंडियन टीम के कैप्टन हैं और आप जानते है इस वर्ल्ड कप में भारतीय टीम की परफॉर्मेंस बहुत बेहतर रही है, इसलिए क्या मजाल है कि मीडिया या कोई एक्सपर्ट आज रोहित की कप्तानी पर कुछ फ़ालतू बोल जाए।

क्रिकेट फील्ड पर कैसे काम करता है रोहित का दिमाग – Rohit Sharma Hidden Facts

मोहम्मद शमी, विराट कोहली, जसप्रीत बुमराह, रवींद्र जडेजा, मोहम्मद सिराज, केएल राहुल, श्रेयस अय्यर, कुलदीप यादव इस समय बहुत तूफानी फॉर्म में हैं, टीम लगातार सारे मैच जीती है, टीम ने बेहतरीन गेंदबाजी की है। ये सभी बातें इस वर्ल्ड कप के दौरान सभी लोगों ने की हैं, जो कि सच भी हैं, लेकिन रोहित की कप्तानी की किसी ने तारीफ़ नहीं की, क्योंकि लोगों को वे चीज़ें पता ही नहीं है जो वे क्रिकेट फ़ील्ड पर मैच के दौरान करते है, इसलिए उन्हें ज़्यादा क्रेडिट नहीं मिल पाता है।

केएल राहुल को क्यों बनाए रखा विकेटकीपर

आपने इस बात का ज़िक्र कभी किसी से नहीं किया होगा कि किस तरह रोहित ने केएल राहुल की जगह टीम में फ़िक्स करवाई। आप शायद जानते होंगे वर्ल्ड कप से पहले राहुल ने सभी तरह के क्रिकेट में सिर्फ़ बल्लेबाज की भूमिका निभाई थी। पर वर्ल्ड कप में उन्हें विकेट कीपर की ज़िम्मेदारी देना और पांच नंबर पर बल्लेबाजी कराना एक घातक प्रयोग साबित हो सकता था, परंतु कप्तान रोहित और कोच राहुल द्रविड़ ने ये रिस्क लिया और रिज़ल्ट आज सभी के सामने हैं। लेकिन सोचिए अगर ये दांव बिलकुल उल्टा पड़ जाता तो रोहित के आलोचक आज क्या कह रहे होते..।

सभी को पता है कि टीम में एक ऑल राउंडर विकेट कीपर ईशान किशन भी हैं, जिन्होंने ऋषभ पंत के अनफिट होने के बाद टीम में जगह बनाई है। वर्ल्ड कप के शुरू के दो मुक़ाबलों में जब ईशान को प्लेइंग इलेवन में शामिल किया गया तो रोहित ने उन्हें बल्लेबाज के रूप में टीम में लिया न कि विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में। रोहित ने ऐसा इसलिए किया कि टीम में संतुलन बना रहे और केएल आगे तक खेल सके। समझने वाले रोहित की इस दूरदर्शिता को समझ चुके होंगे।

चाइनामैन कुलदीप को इस तरह बनाया स्टार

कुलदीप यादव को रोहित ने हमेशा कॉन्फिडेंस दिया है। रोहित कुलदीप को बहुत सही मौक़े पर प्रयोग करते हैं। जिस पिच पर गेंद घूमता नहीं है, वे वहां कुलदीप यादव से जड़ेजा के बाद गेंदबाजी कराते हैं, जिससे किसी भी टीम का बल्लेबाज कुलदीप पर हावी न हो पाए। वानखेड़े में हम सब यह देख ही चुके हैं। रोहित ऐसा इसलिए करते है क्योंकि अगर गेंद स्पिन नहीं हो पा रही है तो जड़ेजा को पहले बॉलिंग पर लाने से बल्लेबाज इस बात का ठीक ठीक अंदाज़ा नहीं लगा पाता है कि गेंद स्पिन नहीं हो रही है। जड़ेजा आर्म बॉल करते हैं फिंगर से स्पिन कराते हैं जो सीम से पड़कर इधर उधर घूम जाती है। इससे विरोधी इस बात का अंदाज़ा बिल्कुल नहीं लगा पाते है कि विकेट पर गेंद स्पिन हो रही या नहीं। ऐसे में जब कुलदीप यादव बॉलिंग करने आते हैं तो बल्लेबाज़ उन्हें पिक नहीं कर पाते है। यदि बल्लेबाज को यह पता चल जाए कि पिच से कुलदीप को कोई मदद नहीं मिल पा रही है तो वह चाइनामैन कुलदीप की हार गेंद पर लंबे शॉट मारेगा, जैसा कि हमने नीदरलैंड के खिलाफ मैच में कुछ समय तक देखा भी।

पाकिस्तान के साथ हुए मैच में, कुलदीप ने इसी रणनीति के द्वारा सऊद शकील और इफ्तेखार अहमद को आउट किया था। फलस्वरूप, पाकिस्तान की पारी ताश के पत्तों की तरह बिखर गई। रोहित शर्मा अपने चाइनामैन को बहुत सही तरह से प्रयोग करने में माहिर हैं। हम लोगों को रोहित को इस बात का श्रेय देना चाहिए कि वे अपने गेंदबाज़ों को सही जगह पर प्रयोग करने में सक्षम है।

पाकिस्तान के ख़िलाफ़ सिराज के साथ बनाई थी यह योजना

ऐसा ही एक घटना हुई थी पाकिस्तान के खिलाफ, जब लग रहा था कि रिज़वान और बाबर आज़म पाकिस्तान की पारी को 300 रन तक ले जा सकते हैं, तब रोहित सिराज को बॉलिंग कराने के लिए लेकर आए, जो उस समय काफ़ी रन लुटवा रहे थे। सिराज पर भरोसा करते हुए रोहित ने उन्हें बाबर और रिज़वान को मौका न देने की योजना बताई। सिराज की गेंद की स्पीड और बाबर की महत्वाकांक्षा एक साथ काम करी और बाबर का बोल्ड हो गए। रोहित की बताई योजना सफल रही। ये कुछ ऐसी चीज़ें है जो लोग नहीं जानते है इसलिए कप्तान रोहित को इन चीजों के लिए सम्मान नहीं मिल पाता है, लेकिन खेल की बारिकियां समझने वाले लोग जानते हैं कि फ़ील्ड पर रोहित के मन में खेल की रणनीति हमेशा चलती रहती है। रोहित ने इस टूर्नामेंट में सिराज के आत्मविश्वास को काफ़ी बढ़ा दिया जिसका परिणाम आपके सामने है कि सिराज क्रिकेट में अपनी लय में लौट चुके हैं।

बुमराह की इंजरी के बाद मैच में इस तरह रखा उनका ध्यान

इसी तरह ऑन फील्ड, रोहित बुमराह का भी ध्यान रखते हैं। रोहित जानते है कि बुमराह ने इंजरी से वापसी की है। बुमराह बॉलिंग के दौरान अपनी पीठ का प्रयोग करते हैं, इसलिए रोहित उन्हें बाउंड्री पर कम ही फील्ड कराते है कि उन्हें ज़्यादा भागना न पड़े। अक्सर, तेज गेंदबाज लॉन लेग या थर्डमैन के पास फील्ड करते हैं, लेकिन रोहित ने बुमराह को सिंगल सेविंग फील्ड में रखा है, जहां भागदौड़ कम होती है। रोहित की नज़र हमेशा हर छोटी चीज़ पर रहती हैं। पर लोग इस बारें में नहीं जानते है।

क्यों है रोहित आज इतने कुशल

रोहित को कप्तान के रूप में इतनी कुशलता एक दिन में नहीं प्राप्त हुई है। उन्होंने पांच आईपीएल सीज़न में ट्रॉफी जीती हैं, जिनमें वे चार बार फाइनल में महेंद्र सिंह धोनी के सामने थे। धोनी तीन बार कप्तान के रूप में रोहित की टीम से फाइनल में हार चुके हैं। वह व्यक्ति जो धोनी को मात दे सकता है, उसमें कुछ तो ख़ास होगा। परंतु मीडिया कब इस कप्तान की प्रशंसा करेगी?

विदेशी प्लेयर भी यह कहते हैं कि कोहली भारतीय टीम के स्टार खिलाड़ी हैं, लेकिन रोहित को भी कप्तान और सलामी बल्लेबाज के रूप में नजरअंदाज नहीं कर सकते है। यहां हम रोहित की बल्लेबाजी पर चर्चा नहीं कर रहे है, क्योंकि फिर हमें काफ़ी बात करनी होगी। वनडे में दोहरे शतक की बात हो या सबसे ज्यादा छक्के मारने की इस बारे में सभी जानते है।

इंडियन क्रिकेट में पहले भी यह हो चुका है कि स्टार खिलाड़ियों की चर्चा इतनी ज़्यादा होती है कि कुछ खिलाड़ियों को उनका हक नहीं मिल पाता, जिसके वे हकदार होते है। मोहिंदर अमरनाथ, दिलीप वेंगसकर, संदीप पाटिल भी ऐसे ही कुछ नाम थे। जिन्हें लोगों की उतनी तारीफ नहीं मिल पाई जो उन्हें मिलनी चाहिए थी।

इस तकनीकी युग में, रोहित को भी क्या वह प्रशंसा और चर्चा मिल सकेगी जो उन्हें योग्य बनाती है। इस विषय पर काफ़ी कुछ लिखा जा सकता है, लेकिन अब यहाँ रुकना होगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular