Monday, May 20, 2024
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चाइना बना रहा वर्ल्ड का सबसे बड़ा डैम, सूख जाएगा उत्तर-पूर्वी भारत और बांग्‍लादेश | World’s Biggest Dam

चीन अरुणाचल में भारतीय सीमा से महज 30 किलोमीटर दूर वर्ल्ड का सबसे बड़ा डैम (World’s Biggest Dam) बनाने जा रहा है। ब्रह्मपुत्र नदी के जल पर भारत, चीन, भूटान और बांग्‍लादेश की लगभग 1.8 अरब आबादी आश्रित है। China के इस स्टेप से सूखे का संकट दिखाई देने लगा है… 

World's Biggest Dam - China Brahmaputra Dam
प्रतीकात्मक चित्र

China Brahmaputra Dam: लद्दाख से लेकर अरुणाचल तक भारत भूमि पर नजरें लगाए बैठा चाइना अब भारत की जलसंपदा पर कब्ज़ा करने के लिए World’s Biggest Dam बनाने जा रहा है। चाइना तिब्‍बत से लेकर इंडिया तक बहुत पवित्र समझी जाने वाली ब्रह्मपुत्र या यारलुंग त्‍सांग्‍पो नदी पर 60 गीगावाट का विशाल बांध बनाने की परियोजना में जुट गया है। यह डैम तिब्‍बत शासित क्षेत्र के उस पुराने एरिया में निर्मित किया जा रहा है जहाँ पर तिब्‍बत का प्रथम साम्राज्य फला-फूला था। चाइना का इरादा साल 2060 तक कार्बन न्यूट्रलिटी प्राप्त करने का है जिसको प्राप्त करने के लिए वह तिब्‍बत में जल विद्युत प्रॉजेक्‍ट पर पूरी तरह से फोकस कर रहा है। वह भी उस समय जब इस बांध का तिब्‍बत के व्यक्ति और पर्यावरणविद विरोध जता रहे हैं। आइए जान लेते हैं कि ब्रह्मपुत्र पर बन रहे वर्ल्ड के इस विशाल बांध का इंडिया पर क्‍या इफेक्ट पड़ेगा… 

विशाल ब्रह्मपुत्र का देवी की भांति पूजन करते हैं तिब्‍बती लोग

मूल रूप से तिब्‍बत की निवासी तेंजिन डोल्‍मे अब ऑस्‍ट्रेलिया में हैं जो ऑस्‍ट्रेलिया में तिब्‍बती भाषा पढ़ाया करती हैं। उन्‍हें चाइना के दमन के उपरांत तिब्‍बत को छोड़कर भागना पड़ा था। उन्‍होंने बोला कि तिब्‍बत में नदियों का सम्‍मान उनके खून में बसा है है। तेंजिन ने बताया कि जब हम लोग इन नदियों में तैरा करते थे तो हमें बोला जाता था कि इन नदियों को बाथरूम की भांति प्रयोग नहीं करें क्‍योंकि इनके जल में देवियां निवास करती हैं। पवित्र ब्रह्मपुत्र नदी को लोग तिब्‍बती देवी दोर्जे फाग्‍मो का तन मानते है। तिब्‍बत की संस्‍कृति में देवी दोर्जे का काफी सम्‍मान है। Tibet Policy Institute के एनवायरमेंट स्पेशलिस्ट टेंपा ग्‍यल्‍टसेन जमल्‍हा ने बोला कि नदियों को लेकर यह सम्‍मान वर्षों पुराना है। उन्‍होंने बोला कि कम्‍युनिस्‍ट पार्टी के मार्गदर्शन में तिब्‍बत पर चाइना का आधिपत्य स्थापित होने के उपरांत अब तिब्‍बती व्यक्तियों की उनकी जमीन पर कोई पकड़ शेष नहीं है। टेंपा ने अलजजीरा से बातचीत के दौरान बोला कि चीन के आधिपत्य से पूर्व तिब्‍बत में कोई डैम नहीं था। ऐसा इस वजह से नहीं था कि हम लोग उसे उसे नहीं बना सकते थे, अपितु इसलिए था कि हम लोग नदियों का आदर करते हैं।

वर्ल्ड की सबसे ऊंची नदी पर अब चीन की तिरछी नज़र | China’s eye on world’s highest river

टेंपा बोलते हैं कि चीनी लोग अपना विकास करने के लिए हर चीज़ करेंगे, वह भी जो अभी तक प्रतिबंधित रहा है। यह निराशात्मक है एवं तिब्‍बती लोगों से इसके संदर्भ में कोई राय नहीं ली गई है। सागर तल से लगभग 16404 फुट की हाइट पर पश्चिमी तिब्‍बत के Glacier से निकलने वाली ब्रह्मपुत्र नदी world’s highest river है। ब्रह्मपुत्र नदी गिरिराज हिमालय के वक्ष को चीरते हुए उत्तरी-पूर्वी भारत से होते हुए बांग्‍लादेश तक जाती है। ब्रह्मपुत्र 8858 फुट गहरी घाटी बनाती है जो America के Grand Canyon से दुगुना गहरी है। एक्सपर्ट्स ने वॉर्निंग दी है कि world’s Biggest Dam का राजनीतिक एवं पर्यावरण से संबंधित दुष्‍परिणाम दिख सकता है। एक्सपर्ट्स का कहना यह है कि चाइना के पास पहले से ही हाइड्रो पॉवर के मैटर में सरप्‍लस बिजली है मगर वह एक विशेष उद्देश्य से इस महाकाय बांध को निर्मित करना चाहता है। रिवर स्पेशलिस्ट ब्रियान इयलेर ने बोला कि इस बांध से बनी बिजली का इस्‍तेमाल चाइना स्वयं के नुकसान की पूर्ति के लिए करने की सोच रहा है जो उसे जीवाश्‍म ईंधन से क्लीन एनर्जी की ओर बढ़ने के लिए ज़रूरी है।

थ्री जॉर्ज डैम से 3 गुना ज्‍यादा विद्युत उत्पन्न करेगा World’s Biggest Dam

एक्सपर्ट्स का कहना यह है कि China के Three Gorges Dam की अपेक्षा ब्रह्मपुत्र नदी पर बन रहा China Brahmaputra Dam 3 गुना ज्‍यादा विद्युत उत्पन्न कर सकता है। थ्री जॉर्ज डैम के बनने के उपरांत लगभग 14 लाख व्यक्तियों को स्वयं के घर को छोड़कर दूसरे स्थान पर जाना पड़ा था। ब्रह्मपुत्र के आस-पास चीन में बेहद कम आबादी रहती है मगर अभी तक 2 हजार व्यक्तियों को दूसरी जगह पर ले जाना पड़ा है। इस डैम को मेडोग काउंटी में निर्मित किया जायेगा जिसकी जनसंख्या लगभग 14 हज़ार है। लगभग 25 लाख वर्ग किमी में फैला तिब्‍बत का पठार न सिर्फ प्राकृतिक संपदा से भरपूर है अपितु अन्य बहुत से देशों से उसकी सीमा मिलती है। तीसरा ध्रुव बोले जाने वाले तिब्‍बत के विशाल पठार पर बर्फ पिघलने एवं जलस्रोतों से भारत, चीन एवं भूटान की लगभग 1.8 अरब की आबादी की प्यास बुझती है। टेंपा बोलते हैं कि तिब्‍बत के नेचुरल रिसोर्सेज़ की बदौलत ही चाइनीज़ कम्युनिस्ट पार्टी ने 70 वर्ष पूर्व तिब्‍बत पर आधिपत्य स्थापित किया था।

China Brahmaputra Dam बनने से भारत और बांग्‍लादेश में पड़ सकता है सूखा

चीन और भारत के बीच लद्दाख में तनाव की स्थिति के बीच एक्सपर्ट्स का कहना यह है कि ब्रह्मपुत्र के प्रति झगड़ा शुरू हो सकता है। असल में, चाइना से निकलने के उपरांत ब्रह्मपुत्र नदी भारत के अरुणाचल और असम राज्य के रास्‍ते बांग्‍लादेश में प्रवेश करती है। चाइना वर्ल्ड का यह विशाल बांध भारत भूमि से मात्र 30 किलोमीटर दूर बना रहा है। टेंपा बोलते हैं कि इस डैम को चाइना यकीनन एक राजनीतिक उपकरण की फॉर्म में यूज करेगा। यही कारण है कि इंडिया ने इस डैम पर चिंता जाहिर की है। उधर, भारत और चीन के बीच झगड़े की संभावना के उपरांत America इस पूरे मैटर में आगे आया है। America के तिब्बत नीति और सहायता अधिनियम में प्रॉमिस किया गया है कि वॉटर सेफ़्टी के लिए वह एक क्षेत्रीय ढांचे के निर्माण को प्रोत्‍साहन देगा। सब देशों के मध्य समझौता कराने के लिए सहायता करेगा। चाइना भले ही कोई दावा करे मगर मेकांग नदी पर  उसके द्वारा 11 बांध बनाने से दक्षिण पूर्वी एशिया के बहुत से देशों जैसे लाओस, म्‍यांमार में जल की भारी कमी हो गई है। अब यही संकट बांग्‍लादेश और भारत पर भी मंडराने लगा है।

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