Monday, November 4, 2024
HomeHealthबहुत काम की हैं ये 5 होम्योपैथिक दवाएं, हर घर में होना...

बहुत काम की हैं ये 5 होम्योपैथिक दवाएं, हर घर में होना है जरूरी

प्रिय पाठकों, इस पोस्ट में हम आपके लिए होम्योपैथिक चिकित्सा से परिचित कराने जा रहे है साथ ही आपको काम आने वाली कुछ होम्योपैथिक मेडिसिन भी बता रहे हैं जिनके रहते आपके लिए छोटी छोटी समस्याओं के लिए न ही आपको चिकित्सक के पास जाना पड़ेगा एवं न ही अधिक दवाएं खाना पड़ेंगी।

homoeopathic medicine for home

लक्षणों की ठीक पहचान होने पर सही मेडिसिन मिल जाए तो होम्योपैथिक चिकित्सा जादू है, अन्यथा बेकार। होम्योपैथिक चिकित्सकों के अनुसार आप लोगों को होम्योपैथी उपचार करवाना हो तो मर्ज के लक्षणों को सही से जानकर बताएं। मर्ज किस प्रकार से बढ़ती अथवा घटती है, इसे जितना सही से आप बता पाएँगे, उतने ही बढ़िया इलाज की संभावना बनेगी। कोई दिमागी असामान्य लक्षण दिखे तो समझिए कि होम्योपैथिक चिकित्सा आपके लिए चमत्कारिक साबित हो सकती है। 

किसी अप्रिय समाचार से झटका लग जाए, मन काबू से बाहर होने लगे तो यह स्थिति ‘इग्नेशिया’ की सिर्फ एक खुराक से भी सही हो सकती है। यदि कोई रोगी कहता है कि वह अवसाद से घिरा हुआ है एवं उसकी चाह बार-बार केवल खुदकुशी करने की होती है तो अनुभवी डॉक्टर समझ जायेगा कि यह ‘ऑरम मेट’ बीमारी का मरीज है। इस मेडिसिन की कुछ खुराकें उसे जीवनदान दे सकती हैं। ‘ऑरम मेट’ अर्थात आभूषण वाला गोल्ड। कमाल है कि गोल्ड को पोटेण्टाइज करके होम्योपैथिक मेडिसिन बनाइए एवं स्वस्थ इंसान को थोड़े दिन रोजाना खिलाते रहिए तो वह खुदकुशी पर आमादा हो जाएगा।

आप को इस पैथी पर विश्वास न हो, तो एक प्रैक्टिकल कर सकते हैं कि एक-दो दिन देर रात्रि तक जगें एवं जब ज्यादा जगने के कारण से सिर में दर्द एवं भारीपन महसूस होने लगे तो नक्स वोमिका-30 अथवा 200 की एक या दो बूंद जिह्वा पर टपका लें। 5 से 10 मिनट के अंदर सिर में दर्द गायब हो जायेगा तो आपको होम्योपैथी पर भरोसा करना सरल हो जाएगा। नक्स वोमिका अर्थात कुचला, एक प्रकार का जहर। आयुर्वेद में भी इसका प्रयोग होता है।

एक अन्य सरल प्रयोग कर सकते हैं। अधिकतर इस प्रकार के व्यक्ति मिल जाते हैं जो खाने की थाली में नमक को अलग से रखवाते हैं। नॉर्मल से ज्यादा नमक खाने की हैबिट वाला कोई व्यक्ति मिले तो उसे नमक से ही तैयार की गई मेडिसिन नेट्रम म्यूर-200 की एक खुराक दे दीजिए। दो से चार दिन पश्चात रिजल्ट देखेंगे तो आप आश्चर्य चकित हुए बगैर न रहेंगे।

घर में रखने के लिए इन दो-चार मेडिसिन के नेम जान लीजिए, सही रहेगा

1). आर्निका-30 अथवा 200

कोई भी चोट, जिसमें खून न निकला हो, बस मसल्स कुचल गई हों, खून जमकर काला पड़ गया हो, तो इस प्रकार की चोट पर यह जबरदस्त कार्य करेगी। कुचलन वाला पेन किसी भी मर्ज में हो, यह कार्य करेगी। उदाहरण स्वरूप, यदि ज्यादा काम करके आप थकान महसूस कर रहें हों एवं बॉडी में कुचलने जैसा पेन अनुभूत हो, तो आपकी थकावट भी यह कुछ ही देर में उतार देगी।

2). कैलेण्डूला-क्यू (मदर टिञ्चर)

कटने-फटने या चोट लगने से खून का रिसाव होने लगे तो थोड़े जल में कैलेडूण्ला मिलाकर उसमें रुई भिगो कर लगाएं। कुछ देर में खून का रिसाव बन्द हो जाएगा। जख्म पर थोड़े दिनों तक इसे रोज दिन में दो से तीन बार लगाते रहें, कोई संक्रमण नहीं होगा एवं जख्म तेजी से ठीक हो जाएगा।

3). नक्स वोमिका-30 अथवा 200

ज्यादा देर तक कुर्सी पर बैठकर कार्य करने वाले लोगों की बीमारियों के लिए यह अच्छी दवा है। इन दिनों ऐसी जीवनशैली में पेट बिगड़ना सामान्य बात है। यदि दोपहर से पूर्व अनेक बार शौच जाने की हैबिट हो, अधिक देर तक शौचालय में रहने की आदत हों, तो सोने से पूर्व थोड़े दिन इसकी एक खुराक लीजिए। 30 पोटेंसी की हो तो प्रति दिन लें, नहीं तो 200 पोटेंसी की हो तो हर तीसरे दिन। सोने से पूर्व लेने पर यह मेडिसिन अच्छा काम करती है। ज्यादा पौष्टिक भोजन कर लेने से पेट बिगड़ जाए तो यह समझ लीजिए कि इस मेडिसिन में भगवान का निवास है। पक्का कार्य करेगी। ज्यादा ऑयली चीज़ें खाने से पेट खराब हो तो पल्साटिल्ला अच्छा काम करती है।

4). एकोनाइट-30

अचानक कोई बीमारी हमला कर दे, कोई वजह समझ में न आए, जैसे कि अकस्मात छींके आना एवं तेज सर्दी-जुकाम, यकायक फीवर आना… तो इस मेडिसिन की कुछ खुराकें दीजिए। एकोनाइट की बीमारी का हमला अकस्मात होता है। बेचैनी, मृत्यु का भय, कम पसीना आना आदि इसके लक्षण हैं।

5). कालीफॉस-3 एक्स अथवा 6 एक्स

यह घर पर रखने की नहीं टाइम-टाइम पर रोजाना प्रयोग में लाए जाने की मेडिसिन है। जो व्यक्ति दिमागी कार्य ज्यादा करते हैं, वे थोड़े दिन कंटीन्यूसली दिन में तीन-चार दफा 4 – 4 घंटे के समयान्तराल पर 4 – 4 गोलियाँ खा लें तो माइंड को थोड़ी एनर्जी मिल जाएगी। बगैर किसी मर्ज के दिमागी टॉनिक की तरह लेना हो तो माह भर कंटीन्यूसली लें, फिर हफ्ते-दस दिन के लिए बंद कर दें। कालीफॉस रियल में एक प्रकार की नर्व टॉनिक है। इसका सही यूज हो जाए तो इस दुनिया के आधे पागलखाने बंद हो जाएँगे। फीवर बढ़ जाए एवं मस्तिष्क पर चढ़ने का रिस्क बढ़ जाए तो कालीफॉस सञ्जीवनी का कार्य करती है। किसी भी मर्ज में, उदाहरण स्वरूप सड़न अथवा संक्रमण आदि की सिचुएशन में, तेज दुर्गन्ध आए तो भी यह मेडिसिन बढ़िया इफेक्ट दिखा सकती है। जिन लोगोंं को दिमागी तनाव की वजह से नींद न आती हो, वे भी सोने से पूर्व इसकी एक या दो खुराक ले सकते हैं।

( Disclaimer: इस आर्टिकल में दी गईं मेडिसिन के उपयोग से पूर्व स्वयं के चिकित्सक की राय जरूर ले लें। किसी भी समस्या के लिए hindustansupport.com उत्तरदायी नहीं होगा)

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular