Saturday, July 27, 2024
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यूपीएससी आईएएस प्रीलिम्स की परीक्षा पास करने के लिए सिलेबस

आईएएस प्रीलिम्स सिलेबस को यूपीएससी द्वारा काफी संक्षेप में एवं अस्पष्ट ढंग से नोटिफिकेशन के द्वारा दिया जाता है। उदाहरण के तौर पर हिस्ट्री के सिलेबस के लिए हिस्ट्री ऑफ इंडिया एंड इंडियन फ्रीडम स्ट्रगल लिखा गया है। इससे स्टूडेंट्स में सिलेबस को ले कर बहुत कन्फ्यूजन बना रहता है। हमने स्टूडेंट्स की सुविधा के लिए यूपीएससी आईएएस प्रीलिम्स के सिलेबस को विस्तार से समझाया है।

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UPSC Civil Services IAS Syllabus in Detail

यूपीएससी आईएएस प्रीलिम्स एग्जाम को दो चरणों में लिया जाता है जिसमे पहले चरण GS I और द्वितीय चरण को GS II अथवा CSAT के नाम से भी जानते है। आईएएस प्रीलिम्स जनरल स्टडीज पेपर में, 100 प्रश्न दो घण्टे में करने होते हैं इस Paper के मार्क्स से ही आईएएस प्रीलिम्स की मेरिट फिक्स्ड करते है। अब हम दोनों एग्ज़ाम का सिलेबस एक एक करके समझेंगे।

आईएएस प्रीलिम्स GS I 


1. हिस्ट्री ऑफ़ इंडिया एंड इंडियन नेशनल मूवमेंट 

इस सेक्शन से करीब 10-12 प्रश्न हर साल पूँछे जाते हैं। इस सब्जेक्ट के दो पार्ट्स हैं।
  • हिस्ट्री ऑफ़ इंडिया
  • इंडियन नेशनल मूवमेंट
हिस्ट्री ऑफ़ इंडिया सब्जेक्ट में अन्सिएंट हिस्ट्री, मिडिवल हिस्ट्री और मॉडर्न हिस्ट्री के टॉपिक्स हैं। मॉडर्न हिस्ट्री में इंडियन नेशनल मूवमेंट से संबंधित टॉपिक्स पर अधिक ध्यान देंना होगा। स्टूडेंट्स को इंडियन नेशनल मूवमेंट, काफी विस्तारपूर्वक पढना चाहिए क्योंकि बहुत से सवाल इसी टॉपिक से आते हैं।
अन्सिएंट हिस्ट्री से 4 से 6 प्रश्न पूँछे जा सकते हैं। अन्सिएंट हिस्ट्री में निम्न टॉपिक प्रमुख है।
  • प्राचीन सभ्यताएं,
  • वैदिक काल,
  • बौद्ध और जैन संप्रदाय की विशेषताएं,
  • मंदिर के निर्माण का आर्किटेक्चर,
  • प्राचीन काल में दक्षिणी भारत के राज्य,
  • मौर्य वंश
  • गुप्त वंश
  • चोल, प्रतिहार, चेरा और पंड्या साम्राज्य
  • संगम लिटरेचर 

आदि टॉपिक काफी इम्पोर्टेन्ट हैं।

मिडिवल हिस्ट्री से 2 से 4 प्रश्न तक आ सकते हैं। इसमें निम्न टॉपिक प्रमुख है।
  • दिल्ली सल्तनत पीरियड,
  • मुग़ल काल, अकबर के शासन के संबंध में ,
  • तुगलक वंश,
  • सूफी आन्दोलन,
  • राजस्थान राज्य के शासक,
  • मुख्य युद्ध,
  • मुख्य शासकों के प्रशासन के संबंध में,
  • यूरोपियन शक्तियों का भारत में आगमन और इनके बीच संघर्ष

यह सभी इम्पोर्टेन्ट टॉपिक है।

मॉडर्न हिस्ट्री के लिए स्टूडेंट्स को निम्न टॉपिक पढ़ना चाहिए।
  • मुगल साम्राज्य का पतन,
  • देश में कम्पनी शासन का उदय,
  • 1857 के संघर्ष के मूल कारण,
  • संघर्ष के मुख्य नेता,
  • 1857 के उपरांत कम्पनी का शासन एवं बदलाव,
  • कांग्रेस पार्टी के निर्माण से जुड़े तथ्य,
  • सामाजिक आन्दोलन और उनसे जुड़े लीडर्स

इत्यादि महत्वपूर्ण टॉपिक हैं।

इंडियन नेशनल मूवमेंट में इवेंट्स की टाइमलाइन जरूर पढ़नी चाहिए जिससे कि इवेंट्स का साधारण ज्ञान हो पाए। नेशनल लेवल के आन्दोलनों जैसे असहयोग आन्दोलन, “भारत छोडो आन्दोलन” आदि को काफी विस्तारपूर्वक पढना चाहिए। गांधी जी और गांधी जी और नेहरु जी से जुड़ा हुआ एक-एक तथ्य रट लेना चाहिए। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन और उनकी अध्यक्षता काफी इम्पोर्टेन्ट है। इतिहास को स्टोरी की भांति पढ़ने से याद करना सरल हों जाता है।

2. इंडियन एंड वर्ल्ड जियोग्राफी (फिजिकल, सोशल, इकनोमिक जियोग्राफी ऑफ़ इंडिया एंड वर्ल्ड)

फिजिकल सोशल इकनोमिक जियोग्राफी ऑफ़ इंडिया एंड वर्ल्ड का अर्थ है कि जियोग्राफी से जुड़ा हर एक आयाम इम्पोर्टेन्ट है। इस सेक्शन से करीब 15 प्रश्न तक आ सकते हैं। आईएएस प्रीलिम्स एग्जाम में इंडियन जियोग्राफी से बहुत सवाल पूछे जाते हैं और यह सब्जेक्ट थोड़ा साइंटिफिक भी है अत: इसको समझने में दिक्कत होती है। इस सेक्शन में वे सभी टॉपिक्स महत्वपूर्ण हैं जो की भारत के लिए किसी भी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं। जैसे: गिरिराज हिमालय व अन्य पर्वत, देश की नदियाँ, इंडियन मानसून सिस्टम, खनिज संपदा, डेमोग्राफी अर्थात पॉपुलेशन के डाटा, देश में बसे अलग अलग आदिवासी इत्यादि।
इस सेक्शन में फिजिकल जियोग्राफी के फंडामेंटल्स समझना काफी जरूरी है। इसके साथ ही विश्व की महत्वपूर्ण जल धाराएँ, प्रशांत महासागर बेल्ट, मध्य अटलांटिक कटक, मुख्य कमर्शियल & इंडस्ट्रियल एरियाज इम्पोर्टेन्ट पोर्ट्स, एक्सपोर्टर्स, प्रोडयुसर्स आदि पढने भी जरुरी हैं।

3. इंडियन पॉलिटी एंड गवर्नेंस (संविधान, पॉलिटिकल सिस्टम, पंचायती राज, पब्लिक पॉलिसी)

इस सेक्शन से करीब 10-15 प्रश्न तक आईएएस प्रीलिम्स में आ सकते हैं। संविधान, राजनैतिक व्यवस्था, पंचायती राज, पब्लिक पॉलिसी, राइट्स इश्यूज आदि। इसका मतलब है कि यह सेक्शन आपसे भारतीय संविधान की फुल नॉलेज होने की उम्मीद रखता है। इसके अलावा कांस्टीट्यूशन कैसे काम करता है, लॉ कैसे बनते है, देश किस प्रकार से चलता है, गवर्नमेंट कैसे कार्य करती है, सेंट्रल और स्टेट गवर्नमेंट रिलेशन आदि टॉपिक्स भी हैं।
सिलेबस में पंचायती राज अलग से लिखा है अत: पंचायती राज से जुड़ी हुई कमेटीज और उनकी रेकमेंडेशन्स को अच्छे से तैयार कर लें। इस से संबंधित संवैधानिक अनुच्छेदों को भी अच्छी तरह से रेडी करें।
पब्लिक पॉलिसी से तात्पर्य है कि गवर्नमेंट की विभिन्न विषयों के लिए क्या पॉलिसी है और इस पर अमल के लिए क्या-क्या प्रोग्राम गवर्नमेंट ने लागू किये हैं।
राइट्स इश्यूज से तात्पर्य है कि इंडिया के सिटीजनों को प्राप्त होने वाले अधिकार और उनसे संबंधित मुद्दे। जैसे- आधार और राइट टू प्राइवेसी, फण्डामेंटल राइट्स से जुड़े आवश्यक सुप्रीम कोर्ट डिसीजन आदि भी महत्वपूर्ण हैं।

4. इकोनॉमिक एंड सोशल डेवलपमेंट (सस्टेनेबल डेवलपमेंट, पावर्टी, इंक्लूजन, डेमोग्राफिक्स, सामाजिक क्षेत्र की पहल)

इस सेक्शन में हर टॉपिक बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता हैं। इकोनॉमिक एंड सोशल डेवलपमेंट का अर्थ है कि इंडिया का इकोनॉमिक डेवलपमेंट किस प्रकार से हुआ है और उसका सामाजिक उत्थान यानी सोशल डेवलपमेंट पर क्या इफेक्ट पड़ा है। सस्टेनेबल डेवलपमेंट का बेसिक कांसेप्ट काफी महत्वपूर्ण है। अनेक बार इसकी परिभाषा परीक्षा में पूछी गयी है। इसके साथ-साथ विश्व में सस्टेनेबल डेवलपमेंट से जुड़े महत्वपूर्ण इवेंट्स का खास ध्यान रखना चाहिए। 
पावर्टी का मतलब है कि इंडिया और वर्ल्ड में पावर्टी की प्रकल्पना क्या है और इससे जुड़ी पावर्टी लाइन की परिभाषा आदि क्या है।
इंक्लूजन एक न्यू कांसेप्ट है, इसका मतलब इकोनॉमिक और सोशल इंक्लूजन दोनों से है। इंडियन गवर्नमेंट फाइनेंसियल और सोशल इंक्लूजन के लिए जो स्कीम्स चला रही है उनके संबंध में फुल नॉलेज रखनी चाहिए। डेमोग्राफिक्स में पॉपुलेशन तथा उससे संबंधित कई आंकड़े जैसे-एम्प्लॉयमेंट रेट, काम में महिलाओं की भागीदारी, माइग्रेशन डाटा, चाइल्ड सेक्स रेशियो आदि महत्वपूर्ण हैं।
सामाजिक क्षेत्र की पहल में सेंट्रल गवर्नमेंट अथवा किसी स्टेट की गवर्नमेंट द्वारा चलायी जा रही स्कीम्स तैयार करनी चाहिए। इस टॉपिक को करंट अफेयर्स से रिलेट करके पढना चाहिए। न्यूजपेपर तथा मासिक करंट अफेयर्स मैगजीन इसके लिए उचित माध्यम है। इस सेक्शन से करीब 15 –18 प्रश्न आते हैं।

5. जनरल इश्यूज ऑन एनवायरनमेंटल इकोलॉजी बायो-डाइवर्सिटी एंड क्लाइमेट चेंज

इस सेक्शन में एनवायरनमेंटल साइंस इकोलॉजी बायो-डाइवर्सिटी तथा क्लाइमेट चेंज से प्रश्न पूछे जाते हैं। हाल की आईएएस प्रीलिम्स परीक्षा में इस सेक्शन से बहुत सवाल पूछे गए थे। कोई भी एक स्टैण्डर्ड टेक्स्ट बुक न होने की वजह से इस सेक्शन के लिए तैयार करना थोडा जटिल है क्योंकि अनेक सोर्सेज से इसे रेडी करना पड़ता है। 
इसमें प्रिंसिपल्स ऑफ़ एनवायरनमेंट एंड इकोलॉजी, कॉन्सेप्ट्स इन बायो-डाइवर्सिटी और मौसम में बदलाव से संबंधित घटनाओं के बारे में डिटेल से पढ़ना चाहिए।इसके साथ ही साथ बायो-डाइवर्सिटी हॉटस्पॉट्स, कॉन्सेप्ट्स ऑफ़ ग्लोबल वार्मिंग और जुड़े हुए कॉन्सेप्ट्स रेडी करने चाहिए। वर्ल्ड लेवल पर आयोजित यूएनएफसीसी की सम्मिट्स, आईपीसीसी की रिपोर्ट्स, इंडिया स्टेट ऑफ़ फारेस्ट रिपोर्ट, नीति आयोग की एनवायरनमेंट तथा क्लाइमेट चेंज से संबंधित रिपोर्ट्स पढ़ना जरूरी है। इस सेक्शन से करीब 10 प्रश्न तक आ सकते हैं अत: इसे छोड़ नहीं सकते।

6. जनरल साइंस

जनरल साइंस सेक्शन में टेक्नोलॉजी पार्ट नहीं लिखा हुआ है परंतु इससे सवाल पूछे जाते हैं। यूपीएससी, टेक्नोलॉजी से जुड़े सवालों को करंट इवेंट्स की भांति ट्रीट करता है। इस सेक्शन से करीब 8 प्रश्न तक पूँछ लिए जाते है। इस सेक्शन को रेडी करने के लिए फिजिक्स केमिस्ट्री और बायोलॉजी का कक्षा 10 तक का ज्ञान ही काफी है। इसके साथ ही न्यूक्लियर एनर्जी, और रिन्यूएबल एनर्जी से संबंधित फैक्ट्स भी तैयार करने चाहिए।
इस सेक्शन में लेटेस्ट टेक्नोलॉजिकल डेवलपमेंट्स को भी रेडी करना चाहिए। इस सेक्शन में नए-नए इन्वेंशंस तथा इन्नोवेशंस भी रेडी करने चाहिए और वे किस बेसिक प्रिंसिपल पर काम करते हैं यह भी रेडी करना काफी जरूरी है।
जनरल स्टडीज पेपर में नेशनल सिक्योरिटी से संबंधित टॉपिक्स भी पूछे जाते है जैसे कि इंडिया के मिसाइल प्रोग्राम के संबंध में, विभिन्न Missiles की टेक्नोलॉजी और मारक सामर्थ्य के संबंध में भी सवाल पूंछे जाते हैं।

आईएएस प्रीलिम्स CSAT


आईएएस प्रीलिम्स जनरल स्टडीज II, जिसको लोकप्रिय रूप से IAS CSAT कहते है, सिर्फ क्वालीफाइंग होता है और इसके नम्बर आईएएस प्रीलिम्स की मेरिट में काउंट नहीं होते है परंतु इसको पास करना जरूरी है। 200 नम्बर के इस पेपर को क्लीयर करने के लिए 66 नम्बर यानी 33% नम्बर लाने होते है।

1. Comprehension

CSAT के पेपर में सबसे अधिक सवाल इसी सेक्शन से पूछे जाते हैं। Comprehension से एकाग्रचित्तता की परख की जाती है और यह भी देखा जाता है कि अभ्यर्थी किस प्रकार से एक Comprehension पढ़कर उसमे दिए गए मैसेज को भली भाँति समझ पाता है। आईएएस बनने के उपरांत काफी बड़ी-बड़ी फाइल्स और पॉलिसी डाक्यूमेंट्स पढ़कर और उन्हें समझ कर ही कोई भी डिसीजन लेना होता है। इसके लिए कोई सिलेबस नहीं है सिर्फ प्रैक्टिस से ही इसकी प्रिपरेशन की जा सकती है।

2. संचार कौशल सहित पारस्परिक कौशल (Interpersonal skills including communication skills)

यह सेक्शन IAS प्रत्याशियों के कम्युनिकेशन स्किल्स की जाँच करने के लिए है कि किस प्रकार अल्प शब्दों में वह अपना मैसेज दूसरे इंसान तक पहुंचा सकते हैं। इसके लिए अलग अलग सोर्सेज से टेक्स्ट पढ़ने चाहिए। NCERT Books इस सब्जेक्ट में हेल्पफुल साबित हो सकती हैं।

2. लॉजिकल रीजनिंग एंड एनालिटिकल एबिलिटी (तर्क और विश्लेषणात्मक क्षमता)

यह सेक्शन IAS प्रत्याशियों के।ogical reasoning परिक्षण करता है। तार्किक सोच का परिक्षण काफी आवश्यक है। एक तार्किक माइंड ही दिए गए data का सही Interpretatiऑन कर सकता है।

3. डिसीजन मेकिंग एंड प्रॉब्लम सॉल्विंग (निर्णय और समस्या समाधान)

एक आईएएस अफसर से सबसे अधिक उम्मीद, सही डिसीजन मेकिंग की ही होती है। किसी भी दिक्कत का एकदम सही आंकलन और उसका निवारण, वो भी निष्पक्ष और तार्किक रूप से, एक आईएएस अफसर की क्वालिटी संदर्भित करता है। किसी भी प्रॉब्लम को सॉल्व करने के लिए सबसे सस्टेनेबल तथा सबसे संभव समाधान क्या हो सकता है इसका परीक्षण इस सेक्शन में किया जाता है।

4. जनरल मेन्टल एबिलिटी (सामान्य मानसिक क्षमता)

जनरल मेन्टल एबिलिटी (GMA) का परीक्षण सामान्यत: ये टेस्ट करता है कि एक इंसान कैसे सीखता है, किस प्रकार से निर्देशों को समझता है, एवं प्राब्लम्स को सॉल्व करता है। जनरल मेन्टल एबिलिटी के परीक्षणों में इस प्रकार के पैमाने सम्मिलित हैं जो विशेष निर्माणों जैसे कि यांत्रिक, मौखिक, संख्यात्मक, सामाजिक एवं स्थानिक सामर्थ्य को मापते हैं।

5. डाटा इंटरप्रिटेशन एंड डाटा सफिसिएनसी (Data Interpretation & Data Sufficiency)

यह सेक्शन काफी महत्वपूर्ण है और इससे हर साल सवाल पूछे जाते है। डाटा इंटरप्रिटेशन, सही पॉलिसी बनाने के लिए काफी ज़रूरी है अत: इसका परीक्षण भी किया जाता है।

यूपीएससी की सिविल सर्विस परीक्षा में कामयाब होने के लिए इसके Syllabus की ठीक जानकारी होना एवं हर टॉपिक को गहराई से समझना बहुत ज़रूरी है। ये ना केवल आपका पथ प्रदर्शन करेगा अपितु आपको तैयारी करने की सही प्लानिंग करने में भी सहायता करेगा।

दोस्तों आपको हमारी यह जानकारी कैसी लगी हमें कॉमेंट बॉक्स में जरूर बताएँ साथ ही आगे भी इसको शेयर करना ना भूलें।

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