पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित करतारपुर साहिब गुरुद्वारे को भारत के श्रद्धालुओं के लिए खोलने की डिमांड सिख समाज लम्बे वक्त से कर रहा था। जिसको अब भारतीयों के लिए पूरी तरह से खोल दिया गया है।
इंडिया और पाक के बीच करतारपुर कॉरिडोर के हिस्टॉरिकल एग्रीमेंट पर 24 अक्टूबर गुरुवार को दस्तखत की कार्यवाही पूरी कर ली गई थी। इंडिया और पाक दोनों की तरफ से उच्चाधिकारियों ने डेरा बाबा नानक साहिब के पास जीरो लाइन पर करार पर दस्तखत किए। देश की ओर से होम मिनिस्ट्री के ऑफिसर एससीएल दास और पाक की तरफ से फॉरेन मिनिस्ट्री के ऑफिसर मोहम्मद फैसल ने ऑफिशियल लेटर पर दस्तखत किए। अब भारत के श्रद्धालु वीजा रहित आवाजाही कर सकेंगे। अब भारतीय श्रद्धालुओं को करतारपुर साहिब जाने के लिए केवल एक परमिट लेना होगा जिसके साथ उन्हें सिर्फ अपना पासपोर्ट दिखाना होगा।
यदि आप भी करतारपुर साहिब गुरुद्वारे दर्शन के लिए जाना चाहते हैं, तो हम आप लोगों को यहां ट्रैवल से सम्बंधित हर एक जानकारी दे रहे हैं।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ने 9 नवम्बर से करतारपुर कॉरिडोर को ओपन करने की घोषणा की है। यह गलियारा करतारपुर के दरबार साहिब गुरुद्वारे को पंजाब प्रांत के गुरदासपुर डिस्ट्रिक्ट के डेरा बाबा नानक नामक धर्मस्थल से जोड़ेगा। पाक के पंजाब प्रांत के नरोवाल डिस्ट्रिक्ट में स्थित करतारपुर साहिब गुरुद्वारा भारत के डेरा बाबा नानक नामक धर्मस्थल के पास की सीमा से केवल 4.5 किमी की डिस्टेंस पर है। यह पवित्र स्थल गलियारे (कॉरिडोर)) के जरिए पूरे वर्ष इंडीयन तीर्थ यात्रियों के लिए ओपन रहेगा। यहां प्रतिदिन लगभग 5 हज़ार श्रद्धालु जा पाएंगे।
दर्शन के लिए कैसे करेंगे ऑन-लाइन रजिस्ट्रेशन?
होम मिनिस्ट्री के जॉइंट सेक्रेटरी एससीएल दास ने कहा, ’24 अक्टूबर से ऑनलाइन पोर्टल पर पंजीकरण कराया जा सकता है। इसके लिए अभी आप http://prakashpurb550.mha.gov.in पर विजिट करके पंजीकरण करा सकते है। आगे हो सकता है इसके लिए किसी अन्य नाम से वेबसाइट बनाई जाए।
कैसे पहुंचे करतारपुर साहिब?
यदि आप करतारपुर साहिब की यात्रा पर जाना चाहते हैं, तो आप लोगों को प्रथमत: डेरा बाबा नानक पर पहुंचना होगा। इसके पश्चात ही आप कॉरिडोर के द्वारा करतारपुर साहिब तक जा सकते हैं। डेरा बाबा नानक धर्मस्थल तक आप बड़ी सरलता से किसी भी माध्यम के द्वारा पहुंच सकते हैं। सड़क द्वारा आप स्वयं की गाड़ी के द्वारा यहां आ सकते हैं। इसके अतिरिक्त आप स्टेट ट्रांसपोर्ट की बसों से भी यहां आ सकते हैं। यहां ट्रेन से आना भी बहुत आसान है। यहां से सबसे नजदीक रेलवे स्टेशन बटाला एवं सबसे करीबी एयरपोर्ट अमृतसर है।
यह पवित्र स्थल इतना ज्यादा महत्वपूर्ण क्यों है?
यह गुरुद्वारा सिख समाज के लिए बहुत पवित्र है, रियल में इसका नेम गुरुद्वारा दरबार साहिब है। गुरुद्वारा दरबार साहिब संसार का सबसे विशाल गुरुद्वारा है। इस प्रकार की मान्यता है कि सिख संप्रदाय के संस्थापक गुरु नानक देव जी ने अपना आखिरी वक्त यहीं व्यतीत किया था। गुरु नानक देव जी स्वयं के प्रचार कार्य के उपरांत रावी नदी के किनारे पर स्थित इस जगह पर ही आकर बस गए थे एवं वर्ष 1539 में स्वयं के देहांत तक 18 वर्ष उन्होंने यहीं व्यतीत किए। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की इंटरनेट साइट पर उपलब्ध एक आर्टिकल के अनुसार, जिंदगीभर की यात्रा और जनता तक संप्रदाय का प्रचार प्रसार करने के उपरांत गुरु नानक देव जी करतारपुर में रावी नदी के तट पर स्वयं के खेतों में बस गए। यहां आकर गुरु नानक देव जी ने तीर्थयात्री की पोशाक का त्याग कर दिया एवं गृहस्थ जैसे कपड़े पहन लिए। इसके पश्चात उनकी जिंदगी के दिन कृषि के साथ सुबह और शाम सर्वशक्तिमान ईश्वर की उपासना एवं भजन और गायन के लिए समर्पित रहे।
20 डॉलर की परमिट फीस वसूल करेगा पाक।
हाल ही में पाकिस्तान द्वारा इंडिया को भेजे गए मसौदे के अनुसार पाक प्रत्येक इंडीयन तीर्थयात्री से 20 $ की फीस ले रहा है। पाक इसे एंट्री फी के स्थान पर सर्विस चार्ज कह रहा है। परंतु इंडिया पाक के इस प्रपोजल को अस्वीकार कर चुका है, मगर पाक अपने स्टैंड पर अड़ा पड़ा है। इंडिया के बारम्बार अनुरोध के बाद भी पाक ने 20 $ की परमिट फीस को माफ नहीं किया है। अर्थात हर यात्री को तकरीबन 1420 रुपए की फीस चुकानी पड़ रही है। सूत्रों का कहना यह है कि दिल्ली, पंजाब के अतिरिक्त केंद्र सरकार इस पर कुछ सब्सिडी देने का सोच रही हैं। पाकिस्तान को इससे प्रति वर्ष करीब 260 करोड़ रुपए की आमदनी होने की संभावना है।
जाने से पहले इन चीजों का रखें विशेष ध्यान।
करतारपुर साहिब गुरुद्वारे जाने के लिए आपके पास पासपोर्ट होना आवश्यक है। इस यात्रा के लिए वीजे की आवश्यकता नहीं है, मगर गुरुद्वारे जाने वाले व्यक्तियों को कम से कम एक माह पूर्व पंजीकरण कराना आवश्यक है। ऑन-लाइन पंजीकरण और आवदेन करने के दौरान पासपोर्ट के अतिरिक्त आप से आधार कार्ड एवं पैन कार्ड की डिटेल भी मांगी जाएगी। इसके अतिरिक्त आपको किसी भी प्रकार के पुलिस केस अथवा मुकदमे की सूचना भी देनी होगी। यात्रा की इजाजत पुलिस सत्यापन के पश्चात ही दी जाएगी। यह कॉरिडोर (गलियारा) सालभर एवं सप्ताह में सातों दिन सुबह से शाम तक चालू रहता है परंतु तीर्थयात्रियों को उसी दिन भारत वापस लौटना होगा सिर्फ कुछ स्पेशल दिनों को छोड़कर ( जिनके बारे में पहले से ही जानकारी दे दी जाएगी ) अभी यहाँ प्रतिदिन केवल 5,000 श्रद्धालुओं को जाने की अनुमति है।
अपने साथ क्या-क्या ले जा सकते है।
होम मिनिस्ट्री ने बोला है कि वहां सिर्फ 11,000 रुपये या नकदी ले जाने की अनुमति है। इसके अतिरिक्त पेयजल सहित सात किलोग्राम तक का सिर्फ एक ही बैग ले जाने की अनुमति है। केवल सिख लोग ही समस्त प्रकार की कृपाणों को ले जा सकते है।
क्या नहीं ले जा पाएंगे श्रद्धालु?
होम मिनिस्ट्री ने इसके सम्बंध में एक सूची दी है, जो हाल ही में लॉन्च किए गए ऑनलाइन पोर्टल पर उपलब्ध है। सूची के मुताबिक, श्रद्धालु स्वयं के साथ Wi-Fi Broadband उपकरण, मदिरा व अन्य कई वस्तुएं स्वयं के साथ नहीं ले जा सकते है। यहां आग्नेयास्त्र एवं गोला बारूद, विस्फोटक पदार्थ, मादक पदार्थ, समस्त प्रकार की कृपाणों को छोड़कर अन्य प्रकार के चाकू, ब्लेड, जाली नोट, मोहर, सिक्के, इंडिया और पाक का अनुचित मैप एवं साहित्य आदि ले जाने पर रोक है। इसके अतिरिक्त भारत एवं पाक की क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन करने वाले अथवा सम्भव रूप से दोनों कंट्रीज में संप्रदायिक सद्भाव के लिए नुकसानदायक बैनर, झंडे, मीडिया सामग्री एवं साहित्य आदि ले जाने पर भी मनाही है। इसके अतिरिक्त लिस्ट में अन्य भी कई वस्तुएं सम्मिलित हैं।
अकेले यात्रा नहीं कर सकेंगे बुजुर्ग एवं बच्चे।
होम मिनिस्ट्री ने करतारपुर साहिब के तीर्थयात्रियों के लिए जो गाइड लाइंस जारी की हैं। उनके मुताबिक, तेरह वर्ष से कम आयु के बच्चे एवं 75 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्ग अकेले ट्रैवल नहीं कर सकते है। वह केवल ग्रुप में ही ट्रैवल कर सकते है। तीर्थयात्रा के समय एनवायरमेंट के अनुकूल सामग्री जैसे क्लॉथ के बैग आदि का प्रयोग करना होगा एवं क्षेत्र की साफ-सफाई को बनाए रखना होगा। यात्री केवल करतारपुर साहिब तक ही जा सकते है। उन्हें और कहीं जाने की अस्वीकृति होगी।
यात्रियों के लिए फैसिलिटी सेंटर
गुरदासपुर डिस्ट्रिक्ट में डेरा बाबा नानक में पीटीबी कॉम्प्लेक्स (पैसेंजर टर्मिनल बिल्डिंग) के अंदर मदिरापान, धूम्रपान एवं तंबाकू के प्रयोग की अनुमति नहीं होगी। लाउड वॉल्यूम में म्यूजिक बजाना एवं बगैर इजाजत अन्य व्यक्तियों की फोटोज लेने की स्वीकृति नहीं होगी। करतारपुर कॉरिडोर का आधुनिक पैसेंजर टर्मिनल बनके रेडी हो चुका है। यहां तीर्थयात्रियों की यात्रा को सहज बनाने के लिए जिम्मेदार गवर्नमेंट ऑफिसर्स के लिए एक फैसिलिटी सेंटर भी बनाया गया है। इसके अतिरिक्त यहां खाने की दुकानें, पार्किंग स्थल एवं सिक्योरिटी पॉइंट भी बनाए गये है।
दोस्तों आशा करता हूँ आपको करतारपुर कॉरिडोर से गुरुद्वारा दरबार साहिब की यात्रा से जुड़ी समस्त जानकारी मिल गयी होगी इसके अतिरिक्त भी आपके मन में कोई प्रश्न है तो आप नीचे कॉमेंट करके पता कर सकते है।