वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में रखी गई हर चीज़ का विशेष महत्व होता है, इसलिए वास्तु शास्त्र में कपड़ों को रखने के लिए भी सही स्थान के बारे में कुछ नियम बताए गए हैं। जिन्हे आज हम इस पोस्ट मे जानेंगे।
वास्तु शास्त्र में ये बताया जाता है कि कौन सी चीज किस स्थान पर रखनी चाहिए। इसके अलावा, Vastu Tips यह भी बताते है कि कौन सी चीजें कहां नहीं रखनी चाहिए। यदि आप घर में वस्तुओं को सही दिशा में नहीं रखते है तो इससे घर के अंदर नकारात्मकता आ सकती है और घर के सदस्यों को विभिन्न समस्याओं को भी झेलना पड़ सकता है।
इसलिए, यदि आप अपने जीवन में संतुलन और सकारात्मकता चाहते हैं, तो आपको अपने कपड़ों को सही दिशा में रखने का प्रयास करना चाहिए। चलिए, हम वास्तु के अनुसार जान लेते हैं कि कपड़ों को किस दिशा में रखना चाहिए और इससे जुड़े अन्य नियम क्या है।
उत्तर-पूरब दिशा
वास्तु शास्त्र के अनुसार, साफ कपड़ों के लिए उत्तर या पूर्व दिशा में रखना चाहिए। इसका कारण है कि उत्तर दिशा को धन के देवता कुबेर की दिशा माना जाता है और इस दिशा को धन संचय के लिए भी शुभ समझा जाता है। इसलिए यदि कपड़ों को उत्तर दिशा मेंरखा जाएगा, तो आपकी धन संपत्ति में सुधार हो सकता है। वैसे ही, पूर्व दिशा सूर्य की दिशा मानी जाती है, इसलिए इसे नवाचार और ऊर्जा के लिए शुभ समझा जाता है। इसलिए उत्तर पूर्व दिशा में कपड़े रखने से आपको सभी तरह से लाभ मिलता है।
पूरब और उत्तर दिशा
वास्तु शास्त्र के मुताबिक, हमें पूर्व-उत्तर दिशा में अपने घर के गंदे कपड़े नहीं रखने चाहिए। यह दिशा भगवान बृहस्पति से संबंधित है, जिन्हें बुद्धि और अच्छे स्वास्थ्य के प्रतीक के रूप में पूजा जाता है। इसलिए, इस दिशा में गंदे कपड़े रखने से हमें स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं को झेलना पड़ सकता है।
उत्तर दिशा
वास्तु शास्त्र के अनुसार, उत्तर दिशा धन के देवता कुबेर से जुड़ी है, जो धन-संपत्ति देने वाले देवता हैं। इसलिए, आपको इस दिशा में भूलकर भी गंदे कपड़ों को नहीं रखना चाहिए, क्योंकि यह आपके धन के आवागमन को प्रभावित कर सकता है।
पूरब दिशा
शास्त्रों के अनुसार, पूरब दिशा सबसे महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि यह भगवान सूर्यदेव की दिशा है। इसलिए, इस दिशा में गंदे कपड़ों को नहीं रखना चाहिए, क्योंकि इससे घर के बड़े व बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ सकता है।
Disclaimer: कृपया ध्यान दें कि यहाँ दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। इसलिए हिंदुस्तान सपोर्ट इसकी पुष्टि नहीं करता है।