कबीटखेड़ी में प्लांट लगाने के लिए 4286 सोलर पैनल का प्रयोग करा गया है। ऐसा अनुमान है कि इसकी आयु 25 वर्ष से अधिक है। ऐसा माना जा रहा है कि राज्य में किसी संघटन द्वारा स्थापित यह अभी तक का सबसे ज्यादा बड़ा प्लांट है। इसके लिए लगभग 4.50 एकड़ भूमि का प्रयोग किया गया है। कबीटखेड़ी प्लांट को चलाने में रोजाना 20 हज़ार यूनिट विद्युत की आवश्यकता होती है। इंदौर स्मार्ट सिटी (Smart City) डेवलपमेंट कंपनी को रोज छह हज़ार यूनिट विद्युत मिलेगी।
इलेक्ट्रिसिटी कंपनी को दे रहे विद्युत
झा ने जानकारी दी कि प्लांट के लिए दो नेट मीटर लगाए गए हैं। जिसमें से एक मीटर प्लांट में उपभोग की गई विद्युत की सूचना देता है तो दूसरा यह जानकारी देता है कि प्लांट से कितनी विद्युत मप्र पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी को दी गई। इस प्रकार से न सिर्फ प्लांट की विद्युत स्वयं प्रयोग की जा रही है अपितु विद्युत कंपनी को भी दी जा रही है।
इंदौर नगर-निगम को होगी बड़ी बचत
सोलर पॉवर प्लांट (Solar Power Plant) से हर माह 10 लाख रुपये की सेविंग होगी, जो निगम के अनुसार काफी बड़ी बचत है। इस प्लांट से कबीटखेड़ी प्लांट में प्रयोग होने वाली बिजली का बड़ा भाग निगम स्वयं जनरेट करने लगेगा। संभवत: राज्य में किसी संघटन द्वारा स्थापित यह प्रथम प्लांट होगा। – संदीप सोनी, सीईओ स्मार्ट शहर कंपनी
खाली पड़ी जमीन पर लगाए गए पैनल
कबीटखेड़ी पॉवर प्लांट में टुकड़ों में कई जगहों पर खुली भूमि है, जहां घास लगाकर ग्रीन बेल्ट डेवलप की गयी है। प्लांट के पैनल को लगाने में इसी स्थान का प्रयोग किया गया है। इसके अतिरिक्त प्लांट में स्थान-स्थान पर बने कंक्रीट के पक्के घरों की छतों पर भी सोलर पैनल लगाए गए हैं।