क्रिकेट को रोमांच से भरपूर बनाने की वक्त-वक्त पर कोशिश होती रही हैं। इसी के अंतर्गत अब BCCI ‘Impact Player Rule’ नाम का एक न्यू रूल लेकर आया है। Impact Player एक ऐसा प्लेयर होगा जिसको टी 20 मुकाबले के मध्य में दूसरे खिलाड़ी के स्थान पर उतारा जा सकेगा। बोर्ड ने प्रयोगात्मक तौर पर यह रूल 11 अक्टूबर से स्टार्ट हुई टी 20 टूर्नामेंट “सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफ़ी” में लागू किया है।
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BCCI क्यों ला रही Impact Player Concept –
राज्य संघों को भेजे अपने ई-मेल में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने लिखा है, टी 20 क्रिकेट की इंक्रीज होती पॉपुलैरिटी को देखते हुए यह आवश्यक है कि हम लोग नए आयामों को पेश करने के संबंध में विचार करें जो क्रिकेट के इस प्रारूप को न सिर्फ हमारे दर्शकों के लिए, अपितु भाग लेने वाली टीमों के लिए रोचक और अधिक आकर्षित करने वाला बना दे।
IPL में भी अप्लाई होगा Impact Player Rule –
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड पिछले कुछ वर्षों से Impact Player Rule को IPL में लागू करने के बारे में सोच रहा था। परंतु उसने पहले इसको घरेलू मुकाबले में परखने का निर्णय लिया। यदि यह प्रयोग कामयाब रहता है तो यह नियम अगले वर्ष IPL में भी लागू किया जाएगा।
क्या है Impact Player Rule
BCCI ने इसके सम्बंध में प्रत्येक राज्य संघ को एक मेल किया है। इसके अंतर्गत टी 20 टीमों को Playing-11 के अलावा चार प्लेयर और रखने का ऑप्शन दिया जाएगा। जिन्हें Impact Player कहा जाएगा। इन 4 में से किसी एक Impact Player को मुकाबले में किसी दूसरे खिलाड़ी के स्थान पर उतारा जा सकेगा। दोनों टीम केवल एक-एक दफा ही इस ऑप्शन का प्रयोग कर पाएंगी।
सरल भाषा में इस प्रकार समझें –
A. 14 ओवर से पूर्व कोई एक प्लेयर बदल सकेंगे
B. दोनों टीमों को अंतिम-11 के अतिरिक्त 4 अतिरिक्त प्लेयर्स का नेम भी देना होगा। इसकी सूचना Field Umpire एवं Fourth Umpire को देनी होगी। दोनों टीमें 14 ओवर से पूर्व केवल एक-एक प्लेयर को ‘इंपैक्ट प्लेयर’ के तौर पर बदल सकेंगी।
Impact Player क्या करेगा?
पूरी बैटिंग या स्वयं के कोटे के चारों ओवर में बॉलिंग कर सकेगा। अर्थात यदि बैट्समैन आउट हो गया है तो उसके स्थान पर भी Impact Player खेल सकता है बशर्ते बैटिंग सिर्फ 11 प्लेयर ही करेंगे। इसी प्रकार से, चेंज किए गए बॉलर ने भले ही चारों ओवर बालिंग कर ली हों लेकिन इंपैक्ट खिलाड़ी को भी कोटे के पूरे ओवर फेंकने का अधिकार होगा।
बाहर हुए प्लेयर का क्या होगा?
उसको पूरे मुकाबले में पुनः मैदान के भीतर नहीं बुलाया जा सकेगा। वह एक्स्ट्रा प्लेयर की फॉर्म में भी फील्डिंग नहीं कर सकता। यदि कोई प्लेयर निलंबित हो जाता है तो उसकी जगह Impact Player को मैदान पर लेकर आया जा सकता है लेकिन वह बॉलिंग या बैटिंग नहीं कर सकेगा।
मुकाबला छोटा हो गया तो?
Impact Player के प्रयोग के लिए एक पारी 10 ओवर से अधिक की होनी आवश्यक है। अर्थात किसी कारणवश एक पारी 17 ओवर की हो जाती है तो Impact Player 13 ओवर समाप्त होने से पूर्व आ सकता है। अगर 11-11 ओवर का खेल होता है तो 9 ओवर समाप्त होने से पूर्व इंपैक्ट प्लेअर को लेकर आना होगा।
प्लेयर कब बदल सकेंगे?
ओवर के मध्य में कोई प्लेयर चेंज नहीं किया जा सकेगा। इन दो अपवाद को छोड़कर बैटिंग टीम Impact Player को किसी बैट्समैन के आउट होने पर भेज सकेगी। फील्डिंग टीम चोटिल प्लेयर के स्थान पर किसी भी टाइम Impact Player को उतार सकेगी।
मुकाबले के दो परिदृश्य ये भी
A. मुकाबलों की स्टार्टिंग 20-20 ओवर की हुई लेकिन प्रथम पारी में 10 ओवर कंप्लीट होने के बाद रुकावट आ गई एवं मैच 10-10 ओवर का रह गया। तब दोनों टीमें ओवर सीमा की चिंता किए बिना कभी भी इंपैक्ट खिलाड़ी का प्रयोग कर सकती हैं।
B. यदि प्रथम पारी में एक टीम ने इंपैक्ट खिलाड़ी का उपयोग कर लिया। लेकिन द्वितीय पारी किसी कारणवश 10 ओवर से कम की करनी पड़ी तो 2nd टीम नौ ओवर की पारी में 7th ओवर समाप्त होने तक इंपैक्ट खिलाड़ी का प्रयोग कर सकेगी। इसी प्रकार से, 5 ओवर की पारी होती है तो 3rd ओवर समाप्त होने से पूर्व ही इंपैक्ट खिलाड़ी को उतार सकेंगी।
बिग बैश में X-Factor रूल और क्रिकेट में Impact Player Rule
इंपैक्ट प्लेयर रूल ऑस्ट्रेलिया की बिग बैश लीग में ‘एक्स फैक्टर’ के नाम से पूर्व से ही लागू है। यद्यपि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड का नियम बिग बैश की तुलना में टीमों को अधिक छूट देता है। एक्स फैक्टर नियम में प्लेयर 10 ओवर से पूर्व ही परिवर्तित करना होता है जबकि Impact Player नियम में 14 ओवर तक प्लेयर को चेंज कर सकते है। इसके अतिरिक्त एक्स-फैक्टर रूल के अंतर्गत वहीं खिलाड़ी बदल सकते है जो पहले बैटिंग न कर चुका हो अथवा बॉलर जिसने एक ओवर से अधिक गेंद न फेंकी हो। वहीं, BCCI के नियम के तहत इम्पेक्ट प्लेयर किसी भी बॉलर या बैट्समैन का स्थान ले सकता है।
अभी मौजूद नियम क्या है?
दोनों टीमों को 12th प्लेयर का नेम भी देना होता है। उसका उपयोग टीमें फील्डिंग के समय करती हैं, मगर वह न तो बल्लेबाजी और बॉलिंग न ही विकेटकीपिंग कर सकता है।
Conclusion
ऊपर दी गयी जानकारी से आपको इंपैक्ट प्लेयर रूल के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त हो गयी होगी आपको क्या लगता है कि इस नियम के बाद क्रिकेट और ज़्यादा रोमांस से भरपूर हो जाएगा या फिर ये नियम क्रिकेट को बेकार कर देगा। अपनी राय हमें कॉमेंट बॉक्स में अवश्य दें, साथ ही इस पोस्ट को अपने क्रिकेट प्रेमी दोस्तों के साथ ज़रूर शेयर करें।