Monday, May 20, 2024
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फिटकरी से दांत का कीड़ा कैसे निकाले, यह है दांत में दर्द होने के 8 बड़े कारण

एक वक्त ऐसा मानते थे कि कि दांतों में कीड़ा लगना दांतों के सड़ने का कारण है, मगर आधुनिक युग में दंत चिकित्सा ने इस बात को झूठा सिद्ध कर दिया है। परंतु, अगर आप घरेलू उपचारों में दिलचस्पी रखते हैं, तो हम लोग आज आपको जानकारी देने वाले है कि घरेलू उपचारों अथवा फिटकरी से दांत का कीड़ा कैसे निकालें।

fitkari se daant ka keeda kaise nikale

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फिटकरी द्वारा दांत से कीड़ा किस प्रकार से निकाले

फिटकरी के प्रयोग से जुड़े परम्परागत उपचार अधिकतर दांत दर्द को कम करने के लिए भी प्रयोग किए जाते है। फिटकरी, पोटेशियम एल्यूमीनियम सल्फेट से बना एक व्हाइट क्रिस्टलीय पदार्थ है, जिसमें औषधि वाले गुण होते हैं। इस आर्टिकल में हमने आपको यही बताया है कि फिटकरी द्वारा दांत से कीड़ा किस प्रकार से निकाले। परंतु यह जानने से पहले हमें दांत में कीड़ा लगने के लक्षणों व दांत दर्द के कारणों का पता होना बहुत जरूरी है जिसकी जानकारी हमने नीचे दी है।

दांत में कीड़ा लगने के लक्षण

  • दांत में कीड़े लगने का प्रथम लक्षण है,अचानक से अकारण दांत में तेज दर्द की समस्या।
  • दांतों में ठंडा और गर्म फील होना अथवा अकस्मात तेज़ झनझनाहट का एक्सपीरियंस होना।
  • दांतों के बीच छेद अथवा गड्ढे का होना, दांत में कीड़े लगने का इशारा हो सकता है।
  • दांतों की ऊपरी परत का व्हाइट न होना, अपितु काले अथवा भूरे कलर के दागों का होना।
  • भोजन करते वक्त दांत में दर्द को एक्सपीरियंस करना, कीड़ा लगने का इशारा है।

दांत में दर्द होने के कारण

दांत में दर्द के अलग-अलग कारण हो सकते हैं, जिनमें सामान्य समस्याओं से लेकर दाँत संबंधी गम्भीर समस्याएँ सम्मिलित हैं। दांतों में दर्द के कुछ मुख्य कारण निम्न है:-

1. दांतों में कैविटी

प्लाक एवं बैक्टीरिया की वजह से होने वाली दांतों की सड़न से दांतों के बीच कैविटी (खाली जगह) बन सकती है, संवेदनशील नसों में दबाव की वजह से दर्द उत्पन्न हो सकता है।

2. मसूड़ों में बीमारी

पेरियोडोंटल बीमारी, मसूड़ों का एक संक्रमण, मसूड़ों की सड़न की वजह बन सकता है, जिससे दांतों की जड़ें दिखाई देने लगती है एवं यह सेंसटिविटी एवं दर्द की भी वजह बन सकता है।

3. दांत का फोड़ा

फोड़ा एक जीवाणुओं के संक्रमण की वजह से बनने वाली मवाद की थैली होती है जो दांतों की जड़ो में बन सकती है, जिससे गम्भीर दर्द एवं स्वेलिंग हो सकती है।

4. दांत टूटना

टूटे हुए दांत दांतों की वजह से दांतों की अति संवेदनशील आंतरिक परतें दिखाई देने लगती हैं, कुछ भी खाने अथवा पीने पर इनमें दर्द उत्पन्न हो सकता है।

5. ब्रुक्सिज्म

दांत पीसने अथवा भींचने से, खास कर नींद के समय, दांतों में संवेदनशीलता उत्पन्न होने के साथ दर्द भी हो सकता है।

6. साइनस संक्रमण

साइनस कैविटीज के कारण भी साइनसाइटिस ऊपरी दांतों में बताए गए दर्द की वजह बन सकता है।

7. दांतों का क्षरण

अम्लीय भोज्य पदार्थ, पेय पदार्थ, अथवा चिकित्सीय समस्याएं दांतों के इनेमल को खत्म कर सकती हैं, जिससे दांतों में सेंसटिविटी एवं दर्द की समस्या हो सकती है।

8. टेम्पोरोमैंडिबुलर जॉइंट डिसऑर्डर (TMJ Disorder)

टीएमजे डिसफंक्शन (टीएमडी) आपके जबड़े के जोड़ों, आसपास की मांसपेशियों और स्नायुबंधन में दर्द और कमजोरी का कारण बनता है। यह दांत पीसना, जबड़े में चोट, गठिया और रोजमर्रा की टूट-फूट के कारण होता हैं। इसके कारण जबड़े के जोड़ की दिक्कत से चेहरे में दर्द, सिर में दर्द एवं दांत दर्द हो सकता है।

दांत में कीड़ा लगने की समस्या क्यों है एक मिथक

दाँत में कीड़ों की समस्या पर दिया जाने वाला ज्ञान प्राचीन मिस्र, ग्रीस एवं इंडिया सहित कई पुरानी सभ्यताओं से चलता चला आ रहा है। प्राचीन समय में लोग ऐसा मानते थे कि ये छोटे प्राणी दांतों में छेद कर देते हैं, जिससे दांतों में दर्द एवं सड़न की समस्या उत्पन्न हो जाती है। दांतों में कीड़े लगने का यह मिथक 18 वीं शताब्दी तक बना रहा, परंतु जब दंत विज्ञान में विकास हुआ तो यह मिथक स्वयं दूर हो गया।

फिटकरी से दांत का कीड़ा किस प्रकार से निकाले – Fitkari Se Daant Ka Keeda Kaise Nikale

वैसे तो फिटकरी से दांत का कीड़ा निकालने के लिए कई घरेलू विधियां और उपाय है। दांत के रोगी अपनी सुविधा के अनुसार किसी भी उपाय से फिटकिरी का प्रयोग करते हुए दांत में लगा कीड़ा निकाल सकते है। फिटकरी से दांत का कीड़ा निकालने के लिए कुछ घरेलू उपाय इस प्रकार है:-

1. केवल फिटकिरी का प्रयोग करके

महीन फिटकिरी पाउडर को साफ सूती कपड़े में बांध करके पुड़िया अथवा तम्बाकू के जैसे मुहँ में दांतों के पास दबा ले। ये करने से आपके मुंह मे लार बनेगी जो कीड़ो को खत्म करने का कार्य करेगी। गौर रहे लार को 5 मिनट तक मुंह मे रखने के बाद ही थूकना है।

2. फिटकिरी एवं चूने का प्रयोग

फिटकिरी एवं चूने के मिक्सचर से दांत से कीड़े को दूर करने के लिए आपको एक छोटी चुटकी फिटकरी पाउडर को चुटकी भर चूने में मिलाकर पेस्ट बना लेना है। इस पेस्ट को दांत के गड्ढों एवं दांत में लगाये। इस उपाय को करते वक्त आप लोगों को अपना मुंह खोल के रखना है एवं इस स्थिति मे रखना है जिससे लार सरलता से मुंह से बाहर निकल आए और साथ मे दांतों में लगे कीड़े भी।

3. फिटकिरी एवं सरसों का तेल

चुटकी भर फिटकरी पाउडर लें तथा इसे ऑयल की कुछ बूंदों के साथ मिलाकर पेस्ट तैयार कर लें। इस पेस्ट को दांत दर्द वाले स्थान पर लगाएं और अपना मुंह थोड़ा खुला रखें जिससे जब लार निकलेगी तो दांत में लगा कीड़ा भी बाहर निकल जाएगा।

4. फिटकिरी एवं सेंधा नमक

फिटकरी पाउडर को भूनने के लिए इसे मंद आंच पर एक पैन में रखें। ठंडा होने के बाद इसे सेंधा नमक के साथ मिक्स करें एवं पीस कर पाउडर बना लें। सुबह ब्रश करने के लिए इस पाउडर का प्रयोग करने से दांतों के कीड़े, सांसों की बदबू और मसूड़ों की स्वेलिंग समाप्त हो जाती है।

दांत दर्द के इलाज के रूप में फिटकरी

चिकित्सीय रूप से माना जाता है कि फिटकरी में रोगाणुनाशी गुण होते हैं, जिसके कारण यह दांत दर्द समेत कई बीमारियों के उपचार के लिए एक सुप्रसिद्ध उपाय बन गया है। दांत में दर्द से राहत पाने के लिए फिटकरी का प्रयोग आप कई तरह से कर सकते है। इसके अलावा इसे और चीज़ों के साथ मिलाकर भी प्रयोग कर सकते है।

फिटकिरी के प्रयोग में जोखिम एवं सावधानियां

दांतों से कीड़े निकालने के लिए फिटकिरी का प्रयोग करना सेफ नहीं समझा जाता है क्योंकि फिटकरी अम्लीय होती है एवं संभवतया मुंह के इनेमल एवं सॉफ़्ट टिश्यू को हानि पहुंचा सकती है, जिससे मुख के स्वास्थ्य से संबंधित ज्यादा बड़ी समस्याएं हो सकती हैं। आप लोगों को यह राय दी जाती है कि दांत दर्द के निवारण के लिए फिटकिरी का प्रयोग करने से पूर्व दंत चिकित्सक से सलाह ले लें।

Conclusion: फिटकरी से दांत का कीड़ा कैसे निकाले

दाँत के कीड़ों एवं दाँत दर्द के उपचार के रूप में फिटकरी का प्रयोग करना दंत चिकित्सा में सेफ नहीं समझा जाता। साइनस संक्रमण, टेम्पोरोमैंडिबुलर जॉइंट (टीएमजे) डिसऑर्डर, समेत कई कारकों की वजह से आपको दांत दर्द की दिक्कत हो सकती है।

दांत में कीड़े लगने के कई लक्षण हो सकते है, जिसमें अचानक दर्द होना, ठंडा अथवा गर्म फ़ील होना, झनझनाहट इत्यादि। दांत दर्द के उपचार के लिए फिटकिरी का प्रयोग एक वैकल्पिक उपचार हो सकता है, मगर किसी भी प्रकार के उपचार से पूर्व चिकित्सक से परामर्श अवश्य कर लें।

Note यह सिर्फ़ एक जानकारी है. इसका मकसद किसी तरह की मेडिकल सलाह या जांच का सुझाव देना नहीं है।

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