Saturday, July 27, 2024
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जरूर पढ़िए ISRO चीफ के॰ सिवन की जिंदगी की यह प्रेरणात्मक स्टोरी | An Inspirational Story Of ISRO Chief K. Sivan

इसरो चीफ के॰ सिवन की जिंदगी का मिशन भी चंद्रयान 2 की भाँति ही है। उन्होंने भी जमीन से आसमान तक का सफर किया है।

आप लोग इस शख्स से तो भली भाँति परिचित होंगे। जब लैंडर विक्रम का चंद्र सतह से 2.1 किलोमीटर पूर्व कांटेक्ट खत्म हो गया तो सारा हिंदुस्तान भावुक हो गया। वहीं दूसरी ओर इसरो चीफ के॰ सिवन का मन भी भारी हो गया एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गले लगकर रोने लग गए।

Unrevealed Truth of ISRO Chief Sivan’s Life

आज हम के॰ सिवन के जीवन की प्रेरणात्मक स्टोरी लिखने जा रहे है गौरतलब है की इनको 10 जनवरी 2018 में बतौर इसरो चीफ नियुक्त करा गया था। तो चलिए जानते है उनके बारे में सभी कुछ जो एक हिंदुस्तानी अवश्य पता करना पसंद करेगा तथा स्वयं के बच्चों को भी इस पथ पर आगे बड़ाएगा।

पूरा परिचय

के॰ सिवन का फुल नेम डॉ॰ कैलासावडिवू सिवन पिल्‍लई है। वह 62 वर्ष के हैं। उनका जन्‍म 14 अप्रैल 1957 को तमिलनाडु राज्य में हुआ था। वर्ष 2018 में वह इसरो के प्रमुख नियुक्त किए गए थे। के॰ सिवन बहुत ही दरिद्र घर से संबंध रखते थे। उनका बचपना दरिद्रता में बीता। उनके फादर एक कृषक थे। उनकी स्कूली शिक्षा गाँव में ही हुई। आप लोगों को बता दें, वह अपनी फैमिली के फर्स्ट मेंबर थे जिन्होंने ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की थी।

ऐसे बीता बचपन

टाइम्स ऑफ इंडिया की सूचना के मुताबिक के॰ सिवन ने बताया कि मेरे फादर ने पास वाले कॉलेज में मेरा एडमिशन करवा दिया। क्योंकि उनकी सोच थी कि कॉलेज में अध्ययन के उपरान्त मैं खेती में भी पिता जी की सहायता करूंगा। उन्होंने बताया कि मैं पढ़ाई में बुद्धिमान था। मैं बीएससी का Course कर रहा था जिसमें गणित में 100 परसेंट मार्क्स प्राप्त किए थे। जिसके पश्चात पिता की सोच बदल गयी एवं आगे की शिक्षा को  एडमिशन मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में करवा दिया।

धोती पहनकर जाते थे कॉलेज

के॰ सिवन ने कहा कि मैंने मेरा पूरा बचपना बगैर जूते एवं सैंडल पहने बिताया। मैंने कॉलेज तक धोती पहनी थी, मगर फर्स्ट टाइम पैंट तब पहनी जब मेरा दाखिला एमआईटी में हुआ।

यहां से प्राप्त की शिक्षा

1980 में एमआईटी से Aeronautical Engineering ब्रांच में स्नातक की डिग्री प्राप्त की।  इसके पश्चात उन्होंने 1982 में Indian Institute of Science बेंगलुरु से Aerospace Engineering ब्रांच में पोस्ट ग्रेजुएशन पूरा किया। उन्होंने वर्ष 2006 में IIT Bombay से Ph.D. की डिग्री ली।

के॰ सिवन ने 1982 में ISRO का PSLV Project Join किया था। उनके जीवन संबंधी आंकड़ों के अनुसार उनके आर्टिकल्स अनेक पत्रिकाओं में छप चुके हैं एवं उन्हें अनेक अवार्ड भी मिल चुके हैं। बता दें, वह Indian National Academy of Engineering, Aeronautical society of India और Systems Society of India में Fellow हैं। इसी वर्ष उन्हें तमिलनाडु गवर्नमेंट ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के फील्ड में उनके कंट्रीब्यूशन को देखते हुए उन्हें  डॉ॰ ए. पी. जे. अब्दुल कलाम अवार्ड से सम्मान दिया था।

सिवन के मुख्य योगदान

Cryogenic engine, PSLV, GSLV एवं Re-usable launch vehicles (RLV) का गठन करने में के॰ सिवन का महत्वपूर्ण योगदान है। इन योगदान के पश्चात उन्हें ‘Rocket Man’ बोला जाने लगा।इसके साथ ही के॰ सिवन ने 15 फरवरी 2017 को इंडिया द्वारा एक साथ 104 उपग्रहों को लॉन्च करने करने में महत्वपूर्ण रोल अदा किया। यह इसरो का विश्व स्तरीय कीर्तिमान भी है।

सिवन के परिवार में है ये लोग

सिवन फर्स्ट मेंबर थे जिन्होंने स्वयं की फैमिली में ग्रेजुएट किया था।  उनके भाई एवं 2 बहनें गरीबी के चलते शिक्षा पूरी नहीं कर पाए थे।  मगर जैसे-तैसे सिवन ने स्वयं की शिक्षा पूरी कर ली। उनकी वाइफ का नेम मलाठी सिवन है। उनके 2 बच्चे हैं। सिद्धार्थ एवं सुशांथ।

सिवन की पसंद

आपकी जानकारी के लिए बता दे, इसरो चीफ के॰ सिवान ने कहा कि उन्हें तमिल Classical Song सुनते हुए बाग़वानी करना बहुत प्रिय है। स्वयं की पसंद की मूवी पर बातचीत करते हुए सिवन ने बोला कि उन्हें एक्टर राजेश खन्ना की मूवी आराधना काफी प्रिय है।

दोस्तों गरीब परिवार से संबंधित इंडिया की इस शानदार पर्सनैलिटी के बारे में आप अपने विचार हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं, साथ ही अगर आपको स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करना जरूर ना भूलें।

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