Thursday, November 21, 2024
HomeUncategorizedकविता: वो प्यारी भाषा हिंदी है | A Poem On Hindi Diwas...

कविता: वो प्यारी भाषा हिंदी है | A Poem On Hindi Diwas By Kalpvraksh Rastogi

Poem On Hindi Diwas
Hindi Diwas

कविता: वो प्यारी भाषा हिंदी है | A Poem On Hindi Diwas By Kalpvraksh Rastogi

जो भारत माँ का सिंगार पूर्ण करे, वो भारत माँ की प्यारी बिंदी है।

है हिंदुस्तान सृजित जिससे, वो हमारी प्यारी हिंदी है।।


इस विविध भाषी हिंदुस्तान जिसमें, हर जगह भाषा-भेद की नाकाबंदी है।

है भारत आज अखंड जिससे, वो अमृत भाषा हिंदी है।।


हिंदुस्तान की सीमा में पली-बढ़ी, हर मन की भाषा हिंदी है।

देना शुभ सन्देश जिन्हें जन को, उन जनों की भाषा हिंदी है।।


है इंग्लिश स्पीकिंग की शान जिन्हें, उनके आड़े आती उनकी अकलमंदी है।

पर है देश भाषा की चिंता जिनको, उन सभी की भाषा हिंदी है।।



अन्य भाषाएं भी उच्चारित होती है यहाँ, उन पर कहाँ कोई पाबंदी है।

पर जो कर दे मन को प्रफुल्लित, वो प्यारी भाषा हिंदी है।।


माना की यहां, नेता नगरी की, राजनीति जरा सी गंदी है।

पर हिन्दुस्तानियों की रजामंदी जिसमें, वो प्यारी पसंद सभी की हिंदी है।।


है भाषाओं में अखंड ज्योति जैसी, करूण सुमधुर सी, जिसमें तुकबंदी है।

बनी हुई है सालों से, सबकी प्रिय जो, वो प्यारी भाषा हिंदी है।।


वर्षो के अंग्रेजी शासन के बाबजूद, जो सालों से अखंडित जिन्दी है।

इसलिए हिंदुस्तान के उत्थान के लिए आज, शायद सबसे आवश्यक हिंदी है।।


है कल्पवृक्ष की जन्मधरा ऐसी, जहां जन-जन की भाषा हिंदी है।

है हिंदी भाषी नया हिंदुस्तान यह, जहां पल बढ़ रही आज प्यारी हिंदी है।।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular