हे ईश्वर, ये भूकंप बार-बार क्यों आ रहा है? क्या कोई बड़ी प्रलय आने वाली है? ऐसे सवाल आ रहे है नेपाल, दिल्ली से लेकर सम्पूर्ण उत्तर भारत के लोगों के मन में। आपको बता दें कि इस बार का भूकंप रिक्टर स्केल पर 5.6 तीव्रता का था, और अभी सिर्फ 72 घंटे पहले ही 6.4 तीव्रता का भूकंप आया था, इसके बाद बीच में कई आफ्टरशॉक भी आ चुके है।
नई दिल्ली: आज 6 नवंबर को शाम के 4 बजकर 18 मिनट पर हम सभी ने भूकंप के झटके महसूस किए। दिल्ली-एनसीआर में बार बार इमारते हिलने के कारण लोगों को तबाही का डर सताने लगा है। बहुमंजिला इमारतों में रहने वाले और कुर्सी सोफ़े पर बैठे लोगों को एक बार फिर भूकंप का अहसास हुआ है। दिल्ली, नोएडा और लखनऊ सहित यूपी के बहुत से जिलों में इसके झटके महसूस करे गए। रिपोर्ट के अनुसार भूकंप का केंद्र नेपाल के जुमला क्षेत्र को बताया जा रहा है। नेपाल के समयानुसार भूकंप शाम को लगभग 4:16 पर आया। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (भूकंप) के अनुसार भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.6 थी। आज का भूकंप चिंतित कर देने वाला इसलिए है क्योंकि अभी सिर्फ दो दिन पहले रात साढ़े 11 बजे के करीब नेपाल में ही 6.4 तीव्रता का भूकंप आ चुका है।
पहले आधी रात, फिर दोपहर बाद
दो दिन पहले आधी रात को आए भूकंप के झटके दिल्ली-नोएडा से लेकर सम्पूर्ण उत्तर भारत में महसूस करे गए थे। इस भूकंप ने नेपाल के 150 से ज्यादा लोगों की जान ले ली और बड़ी संख्या में मकानों को भी क्षति पहुंचाई थी। नेपाल में शनिवार के दिन भी रिक्टर पैमाने पर 4.2 तीव्रता का झटका आया था। लोग अभी इस संकट से निकल भी नहीं पाए थे कि एक बार फिर से तेज भूकंप के झटकों से धरती डोल उठी है।
यह अच्छा है कि शुक्रवार के दिन रात के समय आए भूकंप से भारत में कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ, लेकिन जो लोग रात में भूकंप के समय जग रहे थे, उन्होंने बताया कि इतना तेज भूकंप कई वर्षों से नहीं आया था। विशेषज्ञों के अनुसार दिल्ली-एनसीआर भूकंप के लिए काफी संवेदनशील क्षेत्र है, और यहां किसी बड़े भूकंप की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। परंतु, ऐसा कब हो सकता है, यह किसी को नहीं पता है। इसलिए यहाँ के लोगों में भूकंप को लेकर डर का माहौल बना रहता है।
भूकंप क्यों आते हैं? Why Earthquakes Comes Frequently
धरती के भीतर टेक्टोनिक प्लेट पाई जाती है जिनके आपस में टकराने से काफी मात्रा में ऊर्जा बाहर निकलती है। इसके चलते धरती के भीतर जो उथल-पुथल होती है, वह भूकंप के तौर पर हमें देखने को मिलती है। आप सोच रहे होंगे कि नेपाल में ही बार-बार भूकंप क्यों आते है तो आपको बता दें कि पूरी पृथ्वी पर कई क्षेत्र भूकंप को लेकर बहुत सेंसटिव है जिनमें से नेपाल एक है।
यह दुनिया के सबसे खतरनाक भूकंप क्षेत्रों में से एक है, जहां टेक्टोनिक प्लेटें सबसे अधिक गतिशील होती हैं। इसका असर उत्तर भारत में भी होता है क्योंकि नेपाल उत्तर भारत के एकदम नजदीक है तथा यहाँ की टेक्टोनिक प्लेट्स उत्तर भारत की टेक्टोनिक प्लेट्स के साथ शेयर होती है।
कितनी तीव्रता के भूकंप होते है विनाशकारी Which Earthquakes are Dangerous
आपको बता दें कि रिक्टर स्केल पर 5.8 तीव्रता तक के भूकंप ज्यादा विनाशकारी नहीं होते है परंतु अगर भूकंप की तीव्रता 6 से अधिक रहती है, तो बड़े नुकसान की आशंका रहती है। यह काफी विध्वंसक हो सकते है जैसे कि ये इमारतें गिरा सकते हैं, नींव दरका सकते है, या फिर इससे भी ज्यादा नुकसान कर सकते है। इसके बाद आते है 7-8 तीव्रता के भूकंप जो कि बेहद विनाशकारी होते हैं।